Romantic shayari HI Read Also हिंदी में रोमांटिक शायरी your feeling with Shayari Moment hindi for boyfriend, girlfriend and many more. Romantic shayari तड़प शायरी हिंदी. 2020
“हाथों की लकीरों मैं किस्मत होती है
मिलना और भूल जाना लोगो की फितरत होती है,
बिखरता तो हर कोई है दर्द में,
मगर गम भुलाना इंसान की जरुरत होती है.”
मेरी मोहब्बत सच्ची थी इसलिए तेरी याद आती है,
अगर तेरी बेवफ़ाई भी सच्ची है तो अब यादों में मत आना..
हिचक़ियों से एक बात का पता चलता है
कि कोई हमें याद तो करता है
बात ना करे तो कोई गम नहीं
पर कोई आज भी हम पर अपने कुछ लम्हें बर्बाद तो करता है
हमारा हर लम्हा चुरा लिया आपने!
आँखों को एक चाँद दिखा दिया आपने!
हमें ज़िन्दगी तो दी किसी और ने!
पर प्यार इतना देकर जीना सिखा दिया आपने!
जिन्दगी मै किसी का साथ काफी है
कन्धे पर किसी का हाथ काफी है
दूर हो या पास कुछ फ़र्क नही पडता
अपनो का तो सिर्फ एहसास काफी है
बेशक तू बदल ले अपने आपको लेकिन ये याद रखना..
तेरे हर झूठ को सच मेरे सिवा कोई नही समझ सकता…!
कोई हालात नही समझता ,
तो कोई जज्बात नही समझता..
कोई कोरा पन्ना पढ़ लेता है ,
तो कोई पूरी किताब नही समझता
प्यार मै कोइ तो दील तोड देता है।
दोस्ती मेँ कोइ तो भरोसा तोड देता है।
जीन्दगी जीना तो कोइ गुलाब से सीखे।
जो खुद टुट कर दो दीलो को जोड देता हैँ.
Romantic Shayari In Hindi
खफा रहने का शौक भी पूरा कर लो तुम,
लगता है तुम्हे हम ज़िंदा अच्छे नहीं लगते…..
ना उसने मुड़कर देखा ना हमने पलटकर आवाज दी…!
एक अजीब सा वक़्त था जिसने हम दोनों को पत्थर बना दिया….!!!!
लत ऐसी लगी है कि तेरा नशा मुझसे छोड़ा नहीं जाता,
हकीम भी कह रहा है कि इक बूँद इश्क भी अब जानलेवा है……!!
उल्फत में अक्सर ऐसा होता है;
आँखे हंसती हैं और दिल रोता है;
मानते हो तुम जिसे मंजिल अपनी;
हमसफर उनका कोई और होता है!
एक पहचान हज़ारो दोस्त बना देती हैं,
एक मुस्कान हज़ारो गम भुला देती हैं,
ज़िंदगी के सफ़र मे संभाल कर चलना,
एक ग़लती हज़ारो सपने जला कर राख बना देती है…
जिंदगी दो दिन की है,
एक दिन आप के हक़ में,
एक दिन आप के खिलाफ,
जिस दिन हक़ में हो गुरूर मत करना,
और जिस दिन खिलाफ हो,
थोड़ा सा सब्र जरूर करना।
जगाया उन्होंने ऐसा के अब तक सो न सके;
रुलाया उन्होंने ने फिर भी हम रो न सके;
न जाने क्या बात थी उन में;
जो अब तक हम किसी के भी न हो सके।
कभी दोस्ती कहेंगे कभी बेरुख़ी कहेंगे;
जो मिलेगा कोई तुझसा उसे ज़िन्दगी कहेंगे;
तेरा देखना है जादू तेरी गुफ़्तगू है खुशबू;
जो तेरी तरह चमके उसे रोशनी कहेंगे।
इस मतलबी दुनिया का, बस यही तोहफा है …….
खूब लुटाया अपनों में अपनापन फिर भी…
जाने क्यों लोग खफा हैं …!!!
तेरी आवाज तेरे रुप की पहचान है,
तेरे दिल की धड़कन मेरे दिल की जान है,
न सुनूं जिस रोज तेरी बातें,
लगता है उस रोज यह जिस्म ही बेजान है।
चेहरे की हंसी से ग़म को भुला दो,
कम बोलो पर सब कुछ बता दो.
खुद ना रुठों पर सब को हँसा दो,
यही राज है ज़िंदगी का,
कि जियो और जीना सिखा दो…..
एक दिल मेरे दिल को ज़ख्म दे गया
ज़िन्दगी भर जीने की कसम दे गया
लाख़ों फूलों में से एक फूल चुना हमने
जो काँटों से भी गेहरी चुभन दे गया…
जिंदगी की राहों में मुस्कराते रहो हमेशा,
क्योंकि उदास दिलों को हमदर्द तो मिलते हैं,
हमसफ़र नहीं.
बेशक तू बदल ले अपने आपको लेकिन ये याद रखना..
तेरे हर झूठ को सच मेरे सिवा कोई नही समझ सकता…!
कोई हालात नही समझता ,
तो कोई जज्बात नही समझता..
कोई कोरा पन्ना पढ़ लेता है ,
तो कोई पूरी किताब नही समझता
हजारों जवाबों से अच्छी है
खामोशी ना जाने कितने सवालों की आबरु रखती है
तेरी अकड़ ने छीन लिया तेरा सब कुछ तुझसे
और तू अभी अपनी किस्मत को कोस रही है
मुझे शतरंज खेलना तो नहीं आता
हां मगर दुनिया की चाल समझना अपनी बरसों की फितरत है
तरसती नज़रो ने हर पल आपका दीदार माँगा,
जैसे अमावस ने हर रात एक चाँद को माँगा,
रूठ गया वो खुदा भी हमसे,
जब हमने अपनी हर दुआ में आपका साथ माँगा.
महफील भी रोयेगी, हर दिल भी रोयेगा ,
ङुबी जो मेरी कस्ती तो साहील भी रोयेगा ;
हम इतना प्यार बीखेर देगे इस दुनीया मे के,
मेरी मौत पे मेरा कातील भी रोयेगा..
सरे राह जो उनसे नज़र मिली,
तो नक़्श दिल के उभर गए;
हम नज़र मिला कर झिझक गए,
वो नज़र झुका कर चले गए।
यूँ पलके बिछा कर तेरा इंतज़ार करते है ,
ये वो गुनाह है जो हम बार बार करते हैं ,
जलकर हसरत की राह पर चिराग,
हम सुबह और शाम तेरे मिलने का इंतज़ार करते हैं।
“दिन बीत जाते हैं सुहानी यादें बन कर,
बातें रह जाती है कहानी बनकर,
पर आप हमेशा दिल के करीब रहेंगे,
कभी मुस्कान तो कभी आंखों का पानी बनकर।
दर्द-ऐ-दिल की दावा चाहता हूँ,
तन्हाई में अश्क़ बहाना चाहता हूँ,
सुकून मिलता है ज़माने को,
जब महफ़िल में शायरी सुनाता हूँ,
होश जब आता है मुझे, ऐ खुदा,
खुद में बेहोश होना चाहता हूँ,
जिंदगी से तो मौत बेहतर है,
तुझे जिंदगी लौटना चाहता हूँ…!!!
Romantic Shayari in Hindi For Girlfriend
तस्वीर का रुख तस्वीर का रुख एक नहीं दूसरा भी है;
खैरात जो देता है वही लूटता भी है;
ईमान को अब लेके किधर जाइयेगा आप;
बेकार है ये चीज कोई पूछता भी है;
बाज़ार चले आये वफ़ा भी, ख़ुलूस भी;
अब घर में बचा क्या है कोई सोचता भी है;
वैसे तो ज़माने के बहुत तीर खाये हैं;
पर इनमें कोई तीर है जो फूल सा भी है;
इस दिल ने भी फ़ितरत किसी बच्चे सी पाई है;
पहले जिसे खो दे उसे फिर ढूँढता भी है।
एक आरज़ू सी दिल मैं अक्सर छुपाये फिरता हूँ …
प्यार करता हूँ तुझ से , पर कहने से डरता हूँ …
नाराज़ ना हो जाओ कहीं मेरी गुस्ताखी से तुम ….
इसलिए खामोश रह कर भी ,
तेरी धड़कन को सुना करता हूँ
“हंसी ने लबों पर थ्रिकराना छोड दिया ख्बाबों ने सपनों में आना छोड दिया
नहीं आती अब तो हिचकीया भी शायद आपने भी याद करना छोड’ दिया ”
भुला ना पाओगी मेरा साथ
तुम चाहे जितना आउंगा याद
तुम्हें ख्वाब-ओ-खयालों मे उतना शायद
बिछड के चाहत और वासिक़ होती है
यकीन ना आए तो कर के देख ये भी फितना
सोचा था इस कदर उनको भूल जाएँगे,
देखकर भी अनदेखा कर जाएँगे,
पर जब जब सामने आया उनका चेहरा,
सोचा एस बार देखले, अगली बार भूल जाएँगे……
मोहब्बत नहीं है कोई किताबों की बाते!
समझोगे जब रो कर कुछ काटोगे रातें!
जो चोरी हो गया तो पता चला दिल था हमारा!
करते थे हम भी कभी किताबों की बाते!
कोई कहता है प्यार नशा बन जाता है!
कोई कहता है प्यार सज़ा बन जाता है!
पर प्यार करो अगर सच्चे दिल से,
तो वो प्यार ही जीने की वजह बन जाता है
कभी किसी से प्यार मत करना!
हो जाये तो इंकार मत करना!
चल सको तो चलना उस राह पर!
वरना किसी की ज़िन्दगी ख़राब मत करना!
अभी सूरज नहीं डूबा ज़रा सी शाम होने दो;
मैं खुद लौट जाउंगा मुझे नाकाम होने दो;
मुझे बदनाम करने का बहाना ढूँढ़ते हो क्यों;
मैं खुद हो जाऊंगा बदनाम पहले नाम होने दो!
अरमान था तेरे साथ जिंदगी बिताने का,
शिकवा है खुद के खामोश रह जाने का,
दीवानगी इस से बढकर और क्या होगी,
अज भी इंतजार है तेरे आने का
एक हसीन पल की ज़रूरत है हमें;
बीते हुए कल की ज़रूरत है हमें;
सारा ज़माना रूठ गया है हमसे;
जो कभी ना रूठे ऐसे एडमिन की ज़रूरत है हमें।.
दोस्तों की महफ़िल सजे ज़माना हो गया,
लगता है जैसे खुल के जिए ज़माना हो गया,
काश कहीं मिल जाए वो काफिला दोस्तों का,
वो लम्हें बिताए ज़माना हो गया………!!!
दोस्ती कि वजा नही होती,
दोस्ती कि सज़ा नही होती,
यारी में होती हे इमान्दारी,
यारी में दुनियदारी नही होती,
यार जान से प्यारा होता हे,
यार से जान प्यारी नही होती.
दिल से दिल कभी जुदा नही होते,
यू ही हम किसी पे फिदा नही होते,
मोहब्बत से बढ़कर तो दोस्ती का रिश्ता हे,
क्यू की दोस्त कभी बेवफा नही होते.
प्यार करते हैं तुमसे कितना दिखा ना सके;
तुम क्या हो हमारे लिए कभी बता ना सके;
तुम साथ नहीं हो फिर भी;
तुम्हारी याद को कभी हम भुला ना सके।
इश्क है या इबादत,,,
अब कुछ समझ नहीं आता,
एक खुबसूरत ख्याल हो तुम
जो दिल से नहीं जाता…!!!
तुम हँसों तो खुशी मुझे होती है…
तुम रूठो तो आँखे मेरी रोती हैं…
तुम दूर जाओ तो बेचैनी मुझे होती है…
महसुस कर के देखो मोहब्बत ऐसी ही होती है……..
लौट आता मै वापस तेरे पास…
मगर क्या फायदा…??
न तेरे दिल में मेरे लिए मोहब्बत रही,
न तुझे मेरी मोहब्बत की ज़रूरत रही..
तन्हाइयों में मुस्कुराना इश्क़ है;
एक बात को सब से छुपाना इश्क़ है;
यूँ तो नींद नहीं आती हमें रात भर;
मगर सोते-सोते जागना और जागते-जागते सोना ही इश्क़ है।
मोहब्बत के लबोँ पर फिर वही तकरार बैठी है;
एक प्यारी सी मीठी सी कोई झनकार बैठी है;
तुझसे दूर रहकर के हमारा हाल है ऐसा;
मैँ तेरे बिन यहाँ तू मेरे बिन वहाँ बेकार बैठी है।
खुशबू की तरह मेरी हर साँस में;
प्यार अपना बसाने का वादा करो;
रंग जितने तुम्हारी मोहब्बत के हैं;
मेरे दिल में सजाने का वादा करो।
वो खुद पर गरूर करते है,
तो इसमें हैरत की कोई बात नहीं,
जिन्हें हम चाहते है,
वो आम हो ही नहीं सकते !!
जाने कहाँ थे और और चले थे कहाँ से हम;
बेदार हो गए किसी ख्वाब-ए-गिराँ से हम;
ऐ नौ-बहार-ए-नाज़ तेरी निकहतों की खैर;
दामन झटक के निकले तेरे गुलसिताँ से हम।
आँखों के सामने हर पल आपको पाया है;
अपने दिल में सिर्फ आपको ही बसाया है;
आपके बिना हम जियें भी तो कैसे;
भला जान के बिना भी कोई जी पाया है।
किसी का क्या जो क़दमों पर जबीं-ए-बंदगी रख दी;
हमारी चीज़ थी हमने जहां जानी वहां रख दी;
जो दिल माँगा तो वो बोले ठहरो याद करने दो;
ज़रा सी चीज़ थी हमने जाने कहाँ रख दी!
तेरे बिना टूट कर बिखर जायेंगे;
तुम मिल गए तो गुलशन की तरह खिल जायेंगे;
तुम ना मिले तो जीते जी ही मर जायेंगे;
तुम्हें जो पा लिया तो मर कर भी जी जायेंगे।
लफ़्ज़ों में कैसे तारीफ करूँ,
लफ़्ज़ों में आप कैसे समा पाओगे;
जब भी पूछेंगे कभी लोग आपके बारे में,
हमारी आँखों में देख कर वो सब जान जायेंगे।
रात होगी तो चाँद दुहाई देगा;
ख्वाबों में आपको वह चेहरा दिखाई देगा;
ये मोहब्बत है ज़रा सोच कर करना;
एक आंसू भी गिरा तो सुनाई देगा।
उनके दीदार के लिए दिल तड़पता है;
उनके इंतज़ार में दिल तरसता है;
क्या कहें इस कमबख्त दिल को अब;
अपना होकर भी जो किसी और के लिए धड़कता है।
साथ अगर दोगे तो मुस्कुराएंगे ज़रूर;
प्यार अगर दिल से करोगे तो निभाएंगे ज़रूर;
कितने भी काँटे क्यों ना हों राहों में;
आवाज़ अगर दिल से दोगे तो आएंगे ज़रूर।
न आज लुत्फ़ कर इतना कि कल गुज़र न सके;
वह रात जो कि तेरे गेसुओं की रात नहीं;
यह आरजू भी बड़ी चीज़ है मगर हमदम;
विसाले यार फकत आरजू की बात नहीं।
तुम को तो जान से प्यारा बना लिया;
दिल को सुकून आँख का तारा का बना लिया;
अब तुम साथ दो या ना दो तुम्हारी मर्ज़ी;
हम ने तो तुम्हें ज़िन्दगी का सहारा बना लिया।
मेरे दिल ने जब भी कभी कोई दुआ माँगी है;
हर दुआ में बस तेरी ही वफ़ा माँगी है;
जिस प्यार को देख कर जलते हैं यह दुनिया वाले;
तेरी मोहब्बत करने की बस वो एक अदा माँगी है।
यूँ ही अपने होंठों को झूठी हंसी से ‘संभाल लेता हूँ।।
अंदर से कितना टूटा हूँ बस खुद पे ‘पर्दा डाल लेता हूँ।
“बड़ी बेपरवाह सी हो गई है ख़ुशियाँ आजकल,
कब आयें ….
कब चली जाएँ पता ही नही चलता..!”
डालना अपने हाथों से कफन मेरी लाश पर….!
की तेरे दिए जखमों के तोहफे कोई और ना देख ले…..!!!
मुझे कुछ अफ़सोस नहीं के मेरे पास सब कुछ होना चाहिए था,,,
मै उस वक़्त भी मुस्कुराता था जब मुझे रोना चाहिए था…!!!
तुझे रहम नहीं आता,,
युँ मुझपे सितम कर-कर के,,,,,
तेरा ग़िला खुदा से कैसे करुँ,
तुझे उसी से तो माँगा था…!!!
“तेरे चेहरे को कभी भुला नहीं सकता,
तेरी यादों को भी दबा नहीं सकता,
आखिर में मेरी जान चली जायेगी,
मगर दिल में किसी और को बसा नहीं सकता’…
वो अक्सर मुझसे कहा करती थी
कि तुझे अपना बनाकर ही छोङूगीँ
उसने ऐसा ही किया…
अपना बनाकर छोङ दिया
बहुत रोयी होगी वो खाली कागज देख कर ..
खत में उसने पुछा था ..
ज़िंदगी कैसी बीत रही है ..!!!
अजीब खेल मुकद्दर ने हमसे खेला है
अकेला कल भी था दिल आज भी अकेला है!!
ऐ ज़िन्दगी ! मैं बहुत खुश हूँ
तेरी रुखसत पर मुझे पता है
तुझे कैसे कैसे झेला है!!
चहल पहल है बहुत ज्यादा आसमान पे आज सितारे हैं
या कोई जुगनुओं का मेला है!!
चलो खुदा के यहाँ उम्र अब गुजारेंगे
यहाँ तो ज़िन्दगी और मौत का झमेला है!!
खुदा से जिसके लिए हम दुआएँ करते रहे
उसी ने मौत की जानिब हमे धकेला है!!
तुम्हारी याद है या मौसमों की खुशबू है
फिज़ा ने चारों तरफ रंग सा उड़ेला है!!
ख़ुशी ख़ुशी उन्हें रुखसत तो कर दिया हमने हमारी
आँखों में अब आँसुओं का रेला है!!
ना जाने किस बात पर नाराज है वो हमसे…
ख्वाबो में भी मिलते है तो बात नहीं करते…..
तुम्हारी नफरत पर भी लुटा दी ज़िन्दगी हमने,
सोचो अगर तुम मुहब्बत करते तो हम क्या करते…!!
बहुत खुबसुरत है हंसी उनकी ……..
लेकिन वो मुस्कुराते ही कम है,
दिल चाहता है देखते रहें उनकी झील सी आखों को ……
लेकिन वो नजर मिलाते ही कम है।
हुआ जब इश्क़ का एहसास उन्हें;
आकर वो पास हमारे सारा दिन रोते रहे;
हम भी निकले खुदगर्ज़ इतने यारो कि;
ओढ़ कर कफ़न, आँखें बंद करके सोते रहे।
सूख जाते हैं लब, लफ्ज, मिलते नहीं..
होता नहीं हमसे इश्क बयां..
कैसे बताऊं तुम्हें दिल की लगी..मेरी जान..
कैसे सिखाऊं इन आंखों की जुबां….
दबा हुआ है मन में बहुत कुछ..
बहुत कुछ कहना चाहते हैं ये लब..
फिर कुछ सोचकर चुप हो जाते हैं,
कहीं कुछ गलत न कह जायें,
कहीं कोई रिश्ता दरक ना जाये,
कहीं लब खुले तो सैलाब ना ले आए, काश !
कोई सुनने वाला होता…
इस दिल की वीरानी को…
समझता इस खामोशी को,
मन में दबे हुए लफ्जों को,
आँखों में सूखते अश्कों को,
..
काश ! कोई होता ……….
हर रोज़ पीता हूँ तेरे छोड़ जाने के ग़म में,
वर्ना पीने का मुझे भी कोई शौंक नहीं,
बहुत याद आते है तेरे साथ बीताये हुये लम्हें,
वर्ना मर मर के जीने का मुझे भी कोई शौंक नहीं |
बताओ फ़िर’ उसे क्यूँ नहीँ मेहसूस होती बेचैनियां मेरी,
जो अक्सर कहती है , “बहुत अच्छे से जानती हूँ मैँ तुम्हेँ”
मौत माँगते है तो जिन्दगी खफा हो जाती है,
जहर लेते है तो वो भी दवा हो जाती है,
तू ही बता ऐ दोस्त क्या करूँ,
जिसको भी चाहा वो बेवफा हो जाती है…
हसरत थी सच्चा प्यार पाने की,
मगर चल पडी आँधियां जमाने की,
मेरा गम कोई ना समझ पाया,
क्युँकी मेरी आदत थी सबको हसाने की..
कल तक उड़ती थी जो मुँह तक,
आज पैरों से लिपट गई…
चंद बूँदे क्या बरसी बरसात की,
धूल की फ़ितरत ही बदल गई।
छू जाते हो तुम मुझे हर रोज एक नया ख्वाब बनकर,,,,
.. ये दुनिया तो खामखां कहती है कि तुम मेरे करीब नहीं.
जिंदा लांश कभी दर्द महसूस नहीं करती,
चलती थी साँस मेरी किसी के आने से हम ने कभी लिखा नहीं था
शौक से, बस कलम चल पड़ी किसी का ख्याल आने से..
ना हाल पूछा ना खैरियत पूछी
आज भी उसने बड़े प्यार से हैसीयत पूछी
लबो पे आज उनका नाम आ गया,
प्यासे के हाथ में जैसे जाम आ गया,
डोले कदम तो गिरा उनकी बाहों में जाकर,
आज हमारा पीना ही हमारे काम आ गया.
वक्त नूर को बेनूर कर देता है;
छोटे से जख्म को नासूर कर देता है;
कौन चाहता है अपनों से दूर होना;
लेकिन वक्त सबको मजबूर कर देता है।
शहर क्या देखें, के हर मंज़र में जाले पड़ गए;
ऐसी गर्मी है, कि पीले फूल काले पड़ गए;
मैं अँधेरों से बचा लाया था अपने आप को;
मेरा दुख ये है, मेरे पीछे उजाले पड़ गए।
आज फिर तेरी याद आयी बारिश को देख कर;
दिल पे ज़ोर न रहा अपनी बेबसी को देख कर;
रोये इस कदर तेरी याद में;
कि बारिश भी थम गयी मेरी बारिश को देख कर।
धड़कन बिना दिल का मतलब ही क्या;
रौशनी के बिना दिये का मतलब ही क्या;
क्यों कहते हैं लोग कि मोहब्बत न कर दर्द मिलता है;
वो क्या जाने कि दर्द बिना मोहब्बत का मतलब ही क्या।
रोने की सज़ा न रुलाने की सज़ा है;
ये दर्द मोहब्बत को निभाने की सज़ा है;
हँसते हैं तो आँखों से निकल आते हैं आँसू;
ये उस शख्स से दिल लगाने की सज़ा है
सबने कहा इश्क़ दर्द है;
हमने कहा यह दर्द भी क़बूल है
; सबने कहा इस दर्द के साथ जी नहीं पाओगे;
हमने कहा इस दर्द के साथ मरना भी क़बूल है।
टूटा हो दिल तो दुःख होता है;
करके मोहब्बत किसी से ये दिल रोता है;
दर्द का एहसास तो तब होता है;
जब किसी से मोहब्बत हो और उसके दिल में कोई और होता है।
जो आँसू दिल में गिरते हैं वो आँखों में नहीं रहते;
बहुत से हर्फ़ ऐसे होते हैं जो लफ़्ज़ों में नहीं रहते;
किताबों में लिखे जाते हैं दुनिया भर के अफ़साने;
मगर जिन में हकीकत हो किताबों में नहीं रहते
तुम्हारा दुःख हम सह नहीं सकते;
भरी महफ़िल में कुछ कह नहीं सकते;
हमारे गिरते हुए आँसुओं को पढ़ कर देखो;
वो भी कहते हैं कि हम आपके बिन रह नहीं सकते
वो तो अपना दर्द रो-रो कर सुनाते रहे;
हमारी तन्हाइयों से भी आँख चुराते रहे;
हमें ही मिल गया बेवफ़ा का ख़िताब क्योंकि;
हम हर दर्द मुस्कुरा कर छिपाते रहे
इतनी पीता हूँ कि मदहोश रहता हूँ;
सब कुछ समझता हूँ पर खामोश रहता हूँ;
जो लोग करते हैं मुझे गिराने की कोशिश;
मैं अक्सर उन्ही के साथ रहता हूँ
रास्ते खुद ही तबाही के निकाले हम ने;
कर दिया दिल किसी पत्थर के हवाले हमने;
हाँ मालूम है क्या चीज़ हैं मोहब्बत यारो;
अपना ही घर जला कर देखें हैं उजाले हमने।
माना कि तुम्हें मुझसे ज्यादा ग़म होगा;
मगर रोने से ये ग़म कभी कम न होगा;
जीत ही लेंगे दिल की नाकाम बाजियां हम;
अगर मोहब्बत में हमारी दम होगा।
बिछड़ के तुम से ज़िंदगी सज़ा लगती है;
यह साँस भी जैसे मुझ से ख़फ़ा लगती है;
तड़प उठता हूँ दर्द के मारे,
ज़ख्मों को जब तेरे शहर की हवा लगती है;
अगर उम्मीद-ए-वफ़ा करूँ तो किस से करूँ;
मुझ को तो मेरी ज़िंदगी भी बेवफ़ा लगती है।
बिन बताये उसने ना जाने क्यों ये दूरी कर दी;
बिछड़ के उसने मोहब्बत ही अधूरी कर दी;
मेरे मुकद्दर में ग़म आये तो क्या हुआ;
खुदा ने उसकी ख्वाहिश तो पूरी कर दी।
उम्र की राह में रास्ते बदल जाते हैं;
वक़्त की आंधी में इंसान बदल जाते हैं;
सोचते हैं तुम्हें इतना याद ना करें लेकिन;
आँख बंद करते ही इरादे बदल जाते हैं।
तेरे इश्क़ में सब कुछ लुटा बैठा;
मैं तो ज़िंदगी भी अपनी गँवा बैठा;
अब जीने की तमन्ना न रही बाकी;
सारे अरमान मैं अपने दफना बैठा।
इस बहते दर्द को मत रोको;
यह तो सज़ा है किसी के इंतज़ार की;
लोग इन्हे आँसू कहे या दीवानगी;
पर यह तो निशानी है किसी के प्यार की।
बर्बाद कर गए वो ज़िंदगी प्यार के नाम से;
बेवफाई ही मिली हमें सिर्फ वफ़ा के नाम से;
ज़ख़्म ही ज़ख़्म दिए उस ने दवा के नाम से;
आसमान भी रो पड़ा मेरी मोहब्बत के अंजाम से
हम रूठे दिलों को मनाने में रह गए;
गैरों को अपना दर्द सुनाने में रह गए;
मंज़िल हमारी, हमारे करीब से गुज़र गयी;
हम दूसरों को रास्ता दिखाने में रह गए।
दुनिया में किसी से कभी प्यार मत करना;
अपने अनमोल आँसू इस तरह बेकार मत करना;
कांटे तो फिर भी दामन थाम लेते हैं;
फूलों पर कभी इस तरह तुम ऐतबार मत करना।
लोगों से कह दो हमारी तक़दीर से जलना छोड़ दें;
हम घर से खुदा की दुआ लेकर निकलते हैं;
कोई न दे हमें खुश रहने की दुआ तो भी कोई बात नहीं;
वैसे भी हमें खुशियां रास नहीं अक्सर इस वजह से लोग छूट जाते हैं
कैसे बयान करें आलम दिल की बेबसी का;
वो क्या समझे दर्द आंखों की इस नमी का;
उनके चाहने वाले इतने हो गए हैं अब कि;
उन्हे अब एहसास ही नहीं हमारी कमी का।
दर्द है दिल में पर इसका एहसास नहीं होता;
रोता है दिल जब वो पास नहीं होता;
बर्बाद हो गए हम उसके प्यार में;
और वो कहते हैं इस तरह प्यार नहीं होता।
दिल के दर्द छुपाना बड़ा मुश्किल है;
टूट कर फिर मुस्कुराना बड़ा मुश्किल है;
किसी अपने के साथ दूर तक जाओ फिर देखो;
अकेले लौट कर आना कितना मुश्किल है।
वो जज़्बों की तिजारत थी,
यह दिल कुछ और समझा था;
उसे हँसने की आदत थी,
यह दिल कुछ और समझा था;
मुझे देख कर अक्सर वो निगाहें फेर लेते थे;
वो दर-ए-पर्दा हकारत थी,
यह दिल कुछ और समझा था।
ये तो ज़मीन की फितरत है की,
वो हर चीज़ को मिटा देती हे वरना,
तेरी याद में गिरने वाले आंसुओं का,
अलग समंदर होता…!!
जिस जिस ने मुहब्बत में,
अपने महबूब को खुदा कर दिया,
खुदा ने अपने वजूद को बचाने के लिए,
उनको जुदा कर दिया|
बेजान चीज़ो को बदनाम करने के,
तरीके कितने आसान होते है..
लोग सुनते है छुप छुप के बाते,
और कहते है के दीवारो को भी कान होते हैं..
नींद को आज भी शिकवा है मेरी आँखों से,,,
मैंने आने ना दिया उसे,, कभी तेरी याद से पहले,,,
एक अजनबी से बात क्या की कयामत हो गयी,
सारे शहर को इस बात की खबर हो गयी,
क्यो ना सजा दे इस कमबख्त दिल को,
दोस्ती का इरादा था और महोब्बत हो गयी..।।
सारी जिन्दगी एक ही हसरत रही दिल में…!!! .
काश की अपनों में कोई तो अपना होता…!!!
थोड़ी सी माफी उधार दे दे हे प्रभु….
जानता हूं कोशिश चाहे कितनी भी कर लूँ…
मगर…
गुनाह मुझसे होते रहेंगे……..
कुछ लोगों को क्या खूब खुशियाँ मिलती है,
प्यासे को पानी तक नहीं और समुन्दर में नदियाँ मिलती है !!
हम खुद पर गुरुर नहीं करते;
किसी को दोस्ती करने पर मज़बूर नहीं करते;
मगर जिसे एक बार दिल में बसा लें;
उसे मरते दम तक दिल से दूर नहीं करते।
अभी सूरज नहीं डूबा जरा सी शाम होने दो;
मैं खुद लौट जाऊंगा मुझे नाकाम तो होने दो;
मुझे बदनाम करने का बहाना ढूंढ़ता है जमाना;
मैं खुद हो जाऊंगा बदनाम पहले मेरा नाम तो होने दो।
जाओ ढुँढ लो हमसे ज़्यादा चाहने वाला ..
मिल जाये तो खुश रहना और ना मिले तो हम फिर भी तुम्हारे है
ज़िन्दगी गुज़र जाती है ये ढूँढने में कि…..ढूंढना क्या है..!!
अंत में तलाश सिमट जाती है इस सुकून में कि…
जो मिला.. वो भी कहाँ साथ लेकर जाना है .. !
एक दिन शिकायत तुम्हें वक्त और ज़माने से नहीं खुद से होगी…
कि मोहब्बत सामने थी और तुम दुनिया में उलझे रहें……!!
किसी के लिये किसी…..
की अहमियत खास होती है,
एक के दिल की चाबी …..
हमेशा दूसरे के पास होती है !!
जब हुई थी दोस्ती तो लगा किसी अच्छे काम का सिला है….,,
पर खबर न थी कि गुनाहों की सजा ऐसे भी मिलती है……!!!
शौक से तोडो दिल मेरा, मुझे क्या परवाह,
तुम्ही रहते हो इसमें, अपना ही घर उजाड़ोगे
नज़र चाहती है दीदार करना दिल चाहता है
तुमसे बात करना क्या सुनाऊं
अपने दिल का आलम मेरे नसीब मे लिखा है
सिर्फ़ तेरा इंतेज़ार करना
एक हसीन पल की ज़रूरत है हमें..
बीते हुए कल की ज़रूरत है हमें..
सारा ज़माना रूठ गया हम से..
जो कभी ना रूठे, ऐसे दोस्त की ज़रूरत है हमें.
आँखों में तेरी डूब जाने को दिल चाहता है!
इश्क में तेरे बर्बाद होने को दिल चाहता है!
कोई संभाले मुझे, बहक रहे है मेरे कदम!
वफ़ा में तेरी मर जाने को दिल चाहता है!
हसना हमारा किसी को गवारा नही होता,
हर मुसाफिर ज़िंदगी का सहारा नही होता,
मिलते है हर लोग तन्हा ज़िंदगी में,
पर हर कोई आप सा प्यारा नही होता.
सच्ची दोस्ती बेज़ुबान होती है
ये तो आँखों से बयान होती है
दोस्ती में दर्द मिले तो क्या दर्द मे ही
तो अपनो ओर परयों की पहचान है…
तेरा साथ है तो मुझे क्या कमी है..
तेरी हर मुस्कान से मिली मुझे खुशी है…
मुस्कुराते रहना इसी तरह हुमेशा ..!
क्योंकि तेरी इस मुस्कान में मेरी जान बसी है …!!
कुबूल हमने कर लिया आज प्यार का पैगाम,
होगा सो देखा जायेगा आज इश्क़ का अंजाम.
वो मुस्कुराकर मिले तो इश्क़ समज बैठे हम,
उनकी उलफत को इज़हार समज बैठे हम,
हमारा नसीब बहोत आच्छा तो नही था,
खुद को उनके मोहब्बत का हक़दार समज बैठे.
परछाई आप की हमारे दिल मे है
यादें आप की हमारी आँखों मे है
कैसे भुलाएँ हम आपकी उन बातों को
प्यार आपका हमारी साँसों मे है.
अब आँसुओं को आँखों मे सजाना होगा
चिराग बुझ गये हैं खुद को जलाना होगा
वादे तोड़ के मुस्कुराते हैं आप
देखना एक दिन आपको भी पछताना होगा
बड़ा तकलीफ देता है,
जिंदगी का वो लम्हा,
जब हम चाह कर भी,
किसी के नही हो सकते
जिंदगी की परीक्षा में कोई नम्बर नहीं मिलते है साहब ……… .
लोग आपको दिल से याद करे तो समझ लेना आप पास हो गए।”
ज़िंदगी के सफ़र मे जब हमने इरादा किया,
जब साथ चलने का उसने वादा किया.
कुछ उनको पसंद ना आई वफ़ा की बाते,
पर कुछ ऐतबार हमने भी ज़्यादा किया.
क्यूँ हम किसी के ख़यालो मे खो जाते है,
एक पल की दूरी मे रो जाते है…..
कोई हमे इतना बता दो की,हम ही ऐसे है…..
या प्यार करने के बाद सब ऐसे हो जाते है
सच्ची है मेरी दोस्ती आजमा के देखलो,
करके यकीं मुझ पे मेरे पास आके देखलो.
बदलता नहीं कभी सोना अपना रंग,
जितनी बार दिल करे आग लगा कर देखलो.
वक़्त की धूप हो या बारिश,
कुछ कदमों के निशान कभी नही खोते,
जिन्हे याद करके खुश होती हैं आँखें,
वो लोग पास ना होकर भी दूर नहीं होते
तुम अपनी तन्हाई मुझे दे दो,
तेरे दर्द की परछाईं मुझे दे दो,
मैं जान जाऊँ तेरी हर आह को,
वो प्यार की गहराई मुझे दे दो..
रिश्ते काँच के बने होते हैं टूटने पर चुभते हैं,
हथेली पर संभाल कर रखना इन्हे क्योकि
इनके टूटने मे पल और जुड़ने मे बरसों लगते हैं.
वो तो अपने दर्द रो-रो कर सुनाते रहे;
हमारी तन्हाईयों से आँखें चुराते रहे;
और हमें बेवफ़ा का नाम मिला;
क्योंकि हम हर दर्द मुस्कुरा कर छिपाते रहे।
चली जाने दो उसे किसी ओर कि बाहों मे ।।
इतनी चाहत के बाद जो मेरी ना हुई,
वो किसी ओर कि क्या होगी ।
“वो हमारा इमतिहान क्या लेगी,
मिलेगी नजरों से नजर तो नजर झुका लेगी,
उसे मेरी कब्र पर दिया जलाने को मत कहना,
वो नादान है दोस्तो अपना हाथ जला लेगी।”
“याद किसी को करना यह बात नही जताने की,
दिल पर चोट देना आदत है जमाने की,
हम आप को याद बिल्कुल नही करते,
क्यूँ की याद करना एक निशानी है भूल जाने की.”
जो मेरा था वो मेरा हो नहीं पाया;
आँखों में आंसू भरे थे पर मैं रो नहीं पाया;
एक दिन उन्होंने मुझसे कहा कि;
हम मिलेंगे ख़्वाबों में पर मेरी बदकिस्मती तो देखिये;
उस रात तो मैं ख़ुशी के मारे सो भी नहीं पाया।
मेरी बर्बादी पर तू कोई मलाल ना करना;
भूल जाना मेरा ख्याल ना करना;
हम तेरी ख़ुशी के लिए कफ़न ओढ़ लेंगे;
पर तुम मेरी लाश ले कोई सवाल मत करना!
आज आपके प्यार में कमी देखी;
चाँद की चांदनी में कुछ नमी देखी;
उदास होकर लौट आए हम;
जब महफ़िल आपकी गैरों से सजी देखी।
हमनें जब किया दर्द-ए-दिल बयां,
तो शेर बन गया;
लोगों ने सुना तो वाह वाह किया,
दर्द और बढ़ गया;
मोहब्बत की पाक रूह मेरे साँसों में है;
ख़त लिखा जब गम कम करने के लिए तो गम और बढ़ गया।
हर बात में आंसू बहाया नहीं करते;
दिल की बात हर किसी को बताया नहीं करते;
लोग मुट्ठी में नमक लेके घूमते है;
दिल के जख्म हर किसी को दिखाया नहीं करते।
आँखों में रहा दिल में उतर कर ना देखा;
कश्ती के मुसाफिर ने समंदर ना देखा;
पत्थर मुझे कहता है मुझे चाहने वाला;
मैं मोम हूँ उसने मुझे छु कर ना देखा।
दर्द की महफ़िल में एक शेयर हम भी अर्ज़ किया करते हैं;
न किसी से मरहम न, दुआओं कि उम्मीद किया करते हैं;
कई चेहरे लेकर लोग यहाँ जिया करते हैं;
हम इन आँसुओं को एक चेहरे के लिए पिया करते हैं|
तेरी आरज़ू मेरा ख्वाब है;
जिसका रास्ता बहुत खराब है;
मेरे ज़ख्म का अंदाज़ा न लगा;
दिल का हर पन्ना दर्द की किताब है।
मुझको ऐसा दर्द मिला जिसकी दवा नहीं;
फिर भी खुश हूँ मुझे उस से कोई गिला नहीं;
और कितने आंसू बहाऊँ उस के लिए;
जिसको खुदा ने मेरे नसीब में लिखा ही नहीं।
हसरतों पर रिवाजों का सख्त पहरा है,
न जाने कौन सी उम्मीद पर जाकर,
यह दिल ठहरा है,
मेरी आँखों में से छलकते हुए यह अश्क और गम की कसम,
मेरा यह प्यार, बहुत गहरा है.
जब कभी तेरा दिल घबराए तो लौट आना
अगर मेरी याद आए तो लौट आना
समय बहुत अच्छा बीता है
तेरी वह समय याद आए तो लौट आना
इक पल में दोस्त बन गए
हम कभी वह पल याद आए तो लौट आना
आप से दूर रहना नहीं चाहते हम
किस्मत अगर साथ ना दे तो लौट आना
लोग अक्सर दिल वालों का साथ नहीं देते
कोई अगर साथ ना दे तो लौट आना
तुम हो ना गुजर सकेंगे दिन
यह संदेश पहुंच जाए तो लौट आना
गम की नजर से देखिए, दिल के असर से देखिए है
अश्क भी एक लाल रंग,
खूने-जिगर से देखिए तैराक भी कितने यहाँ
प्यासे ही मर गए संसार की नदी में भी
जरा निकल के देखिए खुशबू से भींग जाएगी,
नाज़ुक सी उंगलियाँ मेरे दिए गुलाब को
आप मसल के देखिए ये हुस्न देखकर ही
तो वो चाँद परेशान है वो जल रहा है
आपसे, अपने ही छत से देखिए
बेहतर से बेहतर की तलाश करो
मिल जाए नदी तो समंदर की तलाश करो
टूट जाते हैं शीशे पत्थरों की चोट से
टूट जाये पत्थर ऐसे शीशे की तलाश करो।
मै टुटे हुए कांच की तरह चकनाचूर हो गया था
कही किसी को चुभ ना जाऊ ईसलिये सबसे दुर हो गया
जहाँ खामोश फिजा थी, साया भी न था;
हमसा कोई किस जुर्म में आया भी न था!
न जाने क्यों छिनी गई हमसे हंसी;
हमने तो किसी का दिल दुखाया भी न था..
अजीब खेल मुकद्दर ने हमसे खेला है
अकेला कल भी था दिल आज भी अकेला है!!
ऐ ज़िन्दगी ! मैं बहुत खुश हूँ
तेरी रुखसत पर मुझे पता है
तुझे कैसे कैसे झेला है!! चहल पहल है
बहुत ज्यादा आसमान पे आज सितारे हैं
या कोई जुगनुओं का मेला है!!
चलो खुदा के यहाँ उम्र अब गुजारेंगे
यहाँ तो ज़िन्दगी और मौत का झमेला है!!
खुदा से जिसके लिए हम दुआएँ करते रहे
उसी ने मौत की जानिब हमे धकेला है!!
तुम्हारी याद है या मौसमों की खुशबू है
फिज़ा ने चारों तरफ रंग सा उड़ेला है!!
ख़ुशी ख़ुशी उन्हें रुखसत तो कर दिया हमने
हमारी आँखों में अब आँसुओं का रेला है!!
समझा ना कोई दिल की बात को;
दर्द दुनिया ने बिना सोचे ही दे दिया;
जो सह गए हर दर्द को हम चुपके से;
तो हमको ही पत्थर दिल कह दिया।
वो रात दर्द और सितम की रात होगी,
जिस रात रुखसत उनकी बारात होगी,
उठ जाता हु मैं ये सोचकर नींद से अक्सर,
के एक गैर की बाहों में मेरी सारी कायनात होगी…..
बेवजह हम वजह ढूंढ़ते हैं तेरे पास आने को;
ये दिल बेकरार है तुझे धड़कन में बसाने को;
बुझी नहीं प्यास इन होंठों की अभी;
न जाने कब मिलेगा सुकून तेरे इस दीवाने को।
काश वो समझते इस दिल की तड़प को,
तो यूँ हमें रुसवा ना किया होता,
उनकी ये बेरुखी भी मंज़ूर थी हमें,
बस एक बार हमें समझ लिया होता |
नशीली आँखों से वो जब हमें देखते हैं;
हम घबरा कर आँखें झुका लेते हैं;
कौन मिलाये उन आँखों से आँखें;
सुना है वो आँखों से अपना बना लेते हैं।
हमारी ज़िंदगी है दोस्तों की अमानत;
रखना मेरे खुदा सदा उनको सलामत;
देना उन्हें खुशियाँ सारे जहान की;
बन जाए वो तारीफ हर एक ज़ुबान की।
आज दिल उदास नहीं,
अहसास है तू पास नहीं. लब हस्ते हैं मेरे, झूट हैं
या सच कोई सवाल नहीं.,.,!!!
किसी ने मुझसे पूछा कि तुम
उसे पाने के लिए किस हद तक जा सकते हो……?
मैंने मुस्कुरा के कहा “अगर हदे पार करनी होती,
तो उसे कब का पा लिया होता.
डाली पर बैठे हुए परिंदे को पता है
कि डाली कमज़ोर है
फिर भी वो उस डाली पर है क्यो?
क़्योकी उसको डाली से ज़यादा अपने पंख पर भरोसा है !!
मशहूर हो गया हूँ तो ज़ाहिर है दोस्तो;
इलज़ाम सौ तरह के मेरे सर भी आयेंगे;
थोड़ा सा अपनी चाल बदल कर चलो;
सीधे चले तो मुमकिन है पीठ में खंज़र भी आयेंगे।
नशीली आँखों से वो जब हमें देखते हैं;
हम घबरा कर आँखें झुका लेते हैं;
कौन मिलाये उन आँखों से आँखें;
सुना है वो आँखों से अपना बना लेते हैं।
हमारी ज़िंदगी है दोस्तों की अमानत;
रखना मेरे खुदा सदा उनको सलामत;
देना उन्हें खुशियाँ सारे जहान की;
बन जाए वो तारीफ हर एक ज़ुबान की।
डाली पर बैठे हुए परिंदे को पता है
कि डाली कमज़ोर है फिर भी वो उस डाली पर है क्यो?
क़्योकी उसको डाली से ज़यादा अपने पंख पर भरोसा है !!
किसी ने मुझसे पूछा कि तुम उसे
पाने के लिए किस हद तक जा सकते हो……?
मैंने मुस्कुरा के कहा “अगर हदे पार करनी होती,
तो उसे कब का पा लिया होता.
आज दिल उदास नहीं, अहसास है तू पास नहीं.
लब हस्ते हैं मेरे, झूट हैं या सच कोई सवाल नहीं.,.,!!!
उन पंछियों को कैद में रखना आदत नही हमारी ..,,
जो हमारे दिल के पिंजरे में रहकर गैरों के साथ उड़ने का शौक रखते हों..
जितना तुमने समझा उतनी दूर नहीं थे हम !
टूट गए थे लेकिन चकनाचूर नहीं थे हम !
क्या हो जाता तुमने मुड़कर “देख” लिया होता !
शायद तुमको दिल से ही “मंजूर” नहीं थे हम !!
उलझी शाम को पाने की ज़िद न करो;
जो ना हो अपना उसे अपनाने की ज़िद न करो;
इस समंदर में तूफ़ान बहुत आते है;
इसके साहिल पर घर बनाने की ज़िद न करो।
“तुम्हारा एक पल का साथ खरीदने के लिए…,
थोड़ी-थोड़ी जिन्दगी रोज़ बेचते है हम…।”
हर घडी एक नाम याद आता है;
कभी सुबह, कभी शाम याद आता है;
सोचते हैं हम कि कर लें फिर से मोहब्बत;
फिर हमें मोहब्बत का अंजाम याद आता है।
#सच्चा प्यार तो जिन्दगी मै एक बार होता है।
#दुसरी बार प्यार तो..
#पहेले प्यार को भुलाने के लिए किया जाता है।
नसीब से फरियाद तो कर सकते हैं
वीरानों को आबाद तो कर सकते हैं
क्या हुआ आप से मिल नहीं सकते
एस एम एस भेज कर आप को याद तो कर सकते हैं।
जिनकी आंखें आंसू से नम नहीं क्या समझते हो
उसे कोई गम नहीं तुम तड़प कर रो दिये
तो क्या हुआ गम छुपा के हंसने वाले भी कम नहीं।
लुटता गया, मिटता गया, तकदीर से पिटता गया
फिर भी कलम की नोंक को कागज पे घिसता गया
खोता गया, खोता गया, सब कुछ मेरा खोता गया होता गया,
होता गया, तूने चाहा जो होता गया “जिन्हेँ सिखाया था कभी,
हँसना सौ सौ बार। वही आज देते हमेँ, एक मुस्कान उधार।।”
बारिश और महोबत दोनों ही यादगार होते हे,
बारिश में जिस्म भीगता हैं और महोबत मैं आँखे…
बिना दर्द के आँसू बहाये नही जाते, .
बिना प्यार के रिश्ते निभाए नही जाते, .
ज़िंदगी मे एक बात याद रखना, .
किसी को रुलाकर अपने सपने सजाये नही जाते….!
दोस्त दोस्त से खफा नहीं होता, .
प्यार प्यार से जुदा नहीं होता, .
भुला देना मेरी कुछ कमियों को, .
क्यूंकि इंसान कभी खुदा नहीं होता | —-
मेरी एक छोटी सी बात मान लो….!!
लंबा सफर है फिरसे हाथ थाम लो….!
हम तो जल गये उसकी मोहब्बत में मोमकी तरह,
अगर फिर भी वो हमें बेवफा कहे…
तो उसकी वफ़ा को सलाम..
हुई उनसे यूँ मुलाक़ात के मुस्कुरा भी ना सके हम।
दो अश्क उनको जाता देख बहा भी ना सके हम।
इस नाचीज दिल की गुस्ताखी तो देखो, .
चला है चाँद से इश्क को इज़हार करने, .
जिसकी रोशनी से रोश्न है पूरी दुनियाँ, .
इसी को चला है प्यार की रोशनी देने….!! —
खुदा अगर मेरी आखिरी ख्वाहिश पूछे तो तेरी हँसी मांग लूँ
आखिरी दुआ पूछे तो तेरे लिये खुशी मांग लूँ
दुबारा जनम दे तो पहले मैं तेरा प्यार मांग लूँ . .
काँच का तोहफा ना देना कभी, .
रूठकर लोग तोड दिया करते है, .
जो बहुत अच्छे हो उनसे प्यार मत करना, .
अक्सर अच्छे लोग ही दिल तोड दिया करते है….!!
ये जिंदगी तब हसीन होती है, .
चाहने से जब हर दुआ कबुल होती है, .
कहने को तो सब अपने है, .
पर काश कोई ऎसा हो,
जो ये कहे तेरे दर्द से मुझे तकलीफ होती है….!!
कांटो से बच बच के चलता रहा उम्र भर क्या खबर थी
की चोट एक फूल से लग जायेगी…
तजुर्बे ने एक बात सिखाई है…
किसी की गलतियों को बेनक़ाब ना कर,
‘खुदा’ बैठा है, तू हिसाब ना कर…..
कई जीत बाकी हैं, कई हार बाकी हैं..
अभी तो जिंदगी का सार बाकी है..
यहा से चले हैं नयी मंजिल के लिए,
ये एक पन्ना था अभी तो किताब बाकी है..! . .
सब जतन कर के देखे तुझे भुलाने के,
सब कुछ भूले, यहाँ तक की खुद को भी भुला बैठे,
बस एक तुझे भुला ना सके
मत पूछो कैसे गुजरता है हर पल तुम्हारे_बिना , .
कभी बात करने की हसरत कभी तुम्हें देखने की तमन्ना..
तेरी ख़ुशी की खातिर मैंने कितने ग़म छिपाए..
अगर मैं हर बार रोता तो तेरा शहर डूब जाता !!
ये मेरे दिल की जिद है कि प्यार करुँ तो सिर्फ तुमसे करूँ….
वरना तुम्हारी जो फितरत है वो नफरत के भी काबिल नहीँ
दिल उदास है मगर मिलता है सब से हंसकर,
यही एक अजब हुनर सिखा है बहुत कुछ खो देने के बाद
हम छोड़ चले है महफ़िल को याद आये
कभी तो मत रोना इस दिल को तसल्ली दे देना
घबराये कभी तो मत रोना
एक ख्वाब सा देखा था हमने जब आँख खुली तो टूट गया
यह प्यार तुम्हें सपना बनकर तडपाये कभी तो मत रोना
तुम मेरे ख़यालों में खोकर बरबाद ना करना
जीवन को जब कोई सहेली बात तुम्हें समझाये कभी तो मत रोना
जीवन के सफ़र में तनहाई मुझको तो
ना ज़िंदा छोड़ेगी मरने की खबर
ऐ जान-ए-जिगर मिल जाये कभी तो मत रोना
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